वर दे वीणावादिनी वर दे ! ----- सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" वर दे वीणावादिनी वर दे ! ----- सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
है आदि से अंत तक अमर मेरी कहानी है आदि से अंत तक अमर मेरी कहानी
इस पल मे जो लगती अधूरी वही है हर पल में पूरी। इस पल मे जो लगती अधूरी वही है हर पल में पूरी।
हर पल इसको न ठुकराओ कभी तो मेरे भी गुण गाओ। हर पल इसको न ठुकराओ कभी तो मेरे भी गुण गाओ।
खुद संसार मिटाय, प्रीत की गली टटोले खुद संसार मिटाय, प्रीत की गली टटोले
बिना बात ना घबराया जाए क्यों न मिलकर कोरोना को हराया जाए। बिना बात ना घबराया जाए क्यों न मिलकर कोरोना को हराया जाए।